प्लेट को संचालित करने वाले बल

सागर निताल प्रसरण और प्लेट विवर्तनिकी इन दोनों सिद्धांतो में इस बात पर बल दिया गया कि Earth का धरातल व भूगर्भ स्थिर ना हो कर गतिमान है। प्लेट की गति को निर्धारित करने वाले बल निम्न प्रकार के है :

*    संवहनिय धाराएं :- प्लेट गतिशील है तथा ऎसा माना जाता है कि प्लेट के निचे गतिमान तप्त मैग्मा वृताकार रूप में गतिशील है। यह मैग्मा धरातल पर पहुंचकर अपसरित होता है और ठंडा हो कर अवतलित हो जाता है।यही चक्र निरंतर चलता रहता है इसे संवहनीय प्रवाह कहते है earth के भीतर ताप उत्पति के दो माध्यम है रेडियोधर्मी तत्वों का झ्य , अवशिष्ट उस्मा।

*    स्लैब पुल सिद्धांत :- स्लैब पुल एक खीचाव बल है जो एक अधिक घनत्व वाली महासागरीय प्लेट के मेंटल में झेपण के कारण उत्पन होता है।इस सिद्धांत के अनुसार , महासागरीय प्लेट का घनत्व अधिक होता है और उष्ण मेंटल का घनत्व काम । घनत्व में इस अंतर के कारण महासागरीय प्लेट तेजी से मेंटल में धसने लगती है तथा इस झेपन के कारण यह बल उत्पन होता है 

*   रिज पुल सिद्धांत :-  मध्य महासागरीय कटक के पास निकलता हुआ लावा अत्यधिक उष्ण होता है । धीरे धीरे यह शीतल होकर जमने लगता है तथा आसपास के क्षेत्र से ऊंचा उठ जाता है जैसे जैसे यह ठंडा होता जाता है वैसे वैसे इसका घनत्व बढ़ता जाता है घनत्व बढ़ने के साथ ही गुरुत्वाकर्षण के कारण कटक के पास अवस्थित लिथोस्फीयर कटक से दूर हटने लगता है और इस प्रकार प्लेट का संचलन होता है ।



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